विश्व प्रसिद्ध श्री बदरीनाथ धाम के कपाट आज शुभ मुहूर्त पर प्रातः 6ः00 बजे पूरे विधि विधान एवं वैदिक मंत्रोच्चार के साथ श्रद्धालुओं के लिए खुल गए
विश्व प्रसिद्ध श्री बदरीनाथ धाम के कपाट आज शुभ मुहूर्त पर प्रातः 6ः00 बजे पूरे विधि विधान एवं वैदिक मंत्रोच्चार के साथ श्रद्धालुओं के लिए खुल गए हैं। हजारों भक्त इस पावन पल के साक्षी बने। बदरीनाथ कपाट खुलने के मौके पर विशेष पूजा अर्चना की गई।
श्री बदरीनाथ धाम में ब्रह्म बेला पर सुबह चार बजे से कपाट खुलने की प्रक्रिया शुरू हुई। हल्की बारिश के बीच आर्मी बैंड की मधुर धुन एवं ढ़ोल नगाड़े की थाप और स्थानीय महिलाओं के पारम्परिक संगीत और नृत्य के साथ भगवान बद्री विशाल की स्तुति ने श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। धार्मिक परंपराओं के निर्वहन के साथ कुबेर जी, श्री उद्धव जी एवं गाडू घडा दक्षिण द्वार से मंदिर में परिसर में लाया गया। इसके बाद मंदिर के मुख्य पुजारी रावल समेत धर्माधिकारी द्वारा प्रशासन एवं हजारों श्रद्धालुओं की मौजूदगी में विधि विधान के साथ मंदिर के कपाट खोले गए। मुख्य पुजारी वीसी ईश्वर प्रसाद नंबूदरी ने गर्भगृह में भगवान बदरीनाथ की विशेष पूजा-अर्चना करते हुए सबके लिए मंगलमय की कामना की। इसके साथ ही ग्रीष्मकाल के लिए बदरीनाथ के दर्शन शुरू हो गए है। कपाट खुलने के पहले दिन ही हजारों श्रद्धालुओं ने बदरीनाथ में अखण्ड ज्योति एवं भगवान श्री बदरीनाथ के दर्शनों का पुण्य अर्जित किया। कपाटोद्घाटन के अवसर पर बदरीनाथ मंदिर को 15 कुंतल फूलों से सजाया गया था।