देहरादून के 65 वर्षीय की सुधीर जायसवाल की मृत्यु, परिजनों ने नेत्रदान और देहदान करके पूरी की उनकी अंतिम इच्छा
देहरादून के 65 वर्षीय की सुधीर जायसवाल की स्ट्रोक के कारण बुधवार को मृत्यु हो गई थी। जिसके बाद परिजनों ने उनकी इच्छा अनुसार उनके नेत्रदान और पार्थिव देहदान किया।
बीते रोज देहरादून के तिलक रोड कॉलोनी में रहने वाले 65 वर्षीय सुधीर जायसवाल को परिजनों ने स्ट्रोक के कारण दून अस्पताल में भर्ती कराया था। डॉक्टरों के अथक प्रयासों के बाद भी उन्हें बचाया नहीं जा सका और शाम 7 बजे उनका निधन हो गया। उन्होंने अपने नेत्रदान करने का संकल्प पत्र भरा हुआ था। नेत्र विभाग के प्रोफेसर डॉक्टर सुशील ओझा का कहना है कि परिजनों ने उन्हें बताया कि सुधीर जायसवाल की अंतिम इच्छा थी कि मानव कल्याण के लिए उनका पार्थिव देहदान और नेत्रदान किया जाए। ताकि उनकी आंखें किसी के काम आ सकें और उनकी देह का इस्तेमाल मेडिकल छात्रों के लिए किया जा सके।
डॉ ओझा ने बताया कि सुधीर जायसवाल की अंतिम इच्छा के अनुसार उनके नेत्र और देह को दून अस्पताल को दान कर दिया गया है। परिजनों की अनुमति के बाद रात दस बजे दून अस्पताल के डीएमएस डॉक्टर एन एस बिष्ट, एसओटीटीओ उत्तराखंड डॉक्टर अतुल कुमार, डॉ नवजोत की मौजूदगी में पार्थिव देह से नेत्रदान कर दिया गया। ताकि उनकी आंखों से नेत्रहीन दुनिया को देख सके। इसके बाद दो कॉर्निया दून अस्पताल की तरफ से एसजीआरआर आई बैंक के डॉक्टर श्रेष्ठा, प्रकृति और टेक्नीशियन ऋषि को सौंप दिए गए।