Friday, November 29, 2024
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उत्तराखंड

मदमहेश्वर घाटी में फंसे 106 लोगों का किया गया सफल रेस्क्यू

प्रशासन व पुलिस की आपदा के प्रति संवेदनशीलता एवं आपदा पूर्व की तैयारियों के चलते मदमहेश्वर घाटी में फंसे 106 लोगों का किया गया सफल रेस्क्यू
आपदा कहें या आपदा जैसे हालात कहकर या बताकर नहीं आते। प्रकृति के इस चक्र में पहाड़ी क्षेत्रों में कभी कभार अतिवृष्टि या बादल फटने जैसे हालात आपदा का रूप धारण कर लेते हैं। ऐसे में आपदा के प्रति संवेदनशीलता एवं पूर्ण तैयारियों के चलते आने वाली समस्याओं को कुछ हद तक न्यून किया जा सकता है।
जनपद रुद्रप्रयाग में स्थित पंचकेदारों में से एक मदमहेश्वर धाम तक जाने हेतु पैदल मार्ग में पड़ने वाले ग्राम गौण्डार के समीप बणतोली नामक जगह पर मार्कण्डेय (मोरकंडा) नदी पर पैदल मार्ग को जोड़ने वाला पुल जो कि विगत दिवसों से लगातार हो रही बारिश एवं देर रात्रि को हुई तेज बारिश के चलते नदी का जल स्तर बढ़ने के कारण बह गया था। जिस कारण यहां पर से मदमहेश्वर घाटी में गये यात्रियों व उस क्षेत्र में रह रहे लोगों का सम्पर्क मुख्य धारा में रह रहे लोगों से टूट गया है। इस सूचना पर जिलाधिकारी रुद्रप्रयाग के नेतृत्व व निर्देशन में स्थानीय जिला प्रशासन व प्रशासनिक अमला, आपदा प्रबन्धन विभाग व उनके अधीन कार्यरत डीडीआरएफ, जिला पुलिस, एसडीआरएफ, लो0नि0वि0, वन विभाग की टीमें रेस्क्यू कार्य हेतु रवाना हुई। गत वर्ष भी इसी स्थान पर पैदल पुल बहने पर इसी प्रकार से यात्रा पर गये यात्री व स्थानीय लोग फंस गये थे। प्रशासन के स्तर से इस रेस्क्यू कार्य को त्वरित गति प्रदान किये जाने हेतु जनपद में प्रचलित श्री केदारनाथ धाम यात्रा में अपनी सेवायें दे रही हैली कम्पनियों से सहयोग प्राप्त करते हुए फंसे लोगों को निकाला गया। आज के इस रेस्क्यू कार्य को प्रारम्भ करने से पहले नानू खर्क नामक स्थान जो कि मदमहेश्वर धाम से तकरीबन 6 से 7 कि.मी. नीचे है, पर अस्थायी हैलीपैड को पुर्नजीवित करने व आस-पास उग आई झाड़ियों व घास को काटकर, हैलीकॉप्टर को आसानी से उतर सकने योग्य बनाने में स्थानीय निवासियों का भी अहम योगदान रहा है।
आज के रेस्क्यू कार्य में मदमहेश्वर धाम की यात्रा पर गये सभी 106 यात्रियों का सफल रेस्क्यू कर लिया गया है। यात्रियों द्वारा जिला प्रशासन सहित रेस्क्यू कार्य में लगे सभी विभागों व स्थानीय लोगों का आभार प्रकट किया गया है। इस सम्पूर्ण रेस्क्यू कार्य में स्थानीय प्रशासन व पुलिस ने आपदा के प्रति संवेदनशील होकर तथा प्रोएक्टिव रहकर आपदा पूर्व की तैयारियों के हिसाब से कर्तव्य निर्वहन किया गया है।

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