चारधाम यात्रा एवं प्रदेश के सभी धार्मिक स्थलों पर आने वाले श्रद्धालुओं के लिए फुलप्रुफ ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की स्थायी व्यवस्था विकसित करने के निर्देश
मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने आज ऋषिकेश स्थित यात्रा रजिस्ट्रेशन ऑफिस तथा ट्रांजिट कैम्प में बैठक कर सभी अधिकारियों विशेषकर फील्ड पर कार्य करने वाले कनिष्ठ अधिकारियों से यात्रा प्रबन्धन हेतु बनने वाली एसओपी के लिए उनके सुझाव मांगे। चारधाम यात्रा एवं प्रदेश के सभी धार्मिक स्थलों पर आने वाले श्रद्धालुओं हेतु एक फूलप्रूफ ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की स्थायी व्यवस्था विकसित करने हेतु मुख्य सचिव ने चारधाम यात्रा प्रबन्धन से सम्बन्धित अधिकारियों को प्रतिष्ठित आईटी कन्सलटेन्सी कम्पनी की सहायता लेने के निर्देश को दिए। मुख्य सचिव ने जल्द से जल्द इस आईटी कन्सलटेन्सी कम्पनी के साथ ही चारधाम यात्रा से जुड़े सभी हितधारकों (Stakeholders ) जिनमें होटल व्यवसायी, टूर ऑपरेटर्स, पर्यटन से जुड़े लोग तथा प्रशासनिक अधिकारियों की मदद से यह रजिस्ट्रेशन व्यवस्था विकसित करने के निर्देश दिए। सीएस ने कहा कि चारधाम यात्रा प्रबन्धन से जुड़े सभी अधिकारियों विशेषरूप से फील्ड अधिकारियों के कुशल प्रबन्धन से राज्य में चारधाम यात्रा आरम्भ में कुछ चुनौतियों के बाद पुनः सुचारू, सुव्यवस्थित एवं सफलतापूर्वक संचालित की जा रही है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में ऋषिकेश हरिद्वार के हॉलडिंग प्वाइंट में लगभग 3000 श्रद्धालु मौजूद हैं, जिन्हें धामों में भेजा जा रहा है। चारधाम से सभी श्रद्धालु यात्रा के पश्चात सकुशल वापस लौट रहे हैं। हरिद्वार से ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन पुनः आरम्भ किया जा रहा है। उन्होंने भविष्य में श्रद्धालुओं की निरन्तर बढ़ती संख्या के समाधान हेतु यात्रा से सम्बन्धित जनपदों के जिलाधिकारियों को नए ठहराव स्थलों को चिहिन्त करने के साथ ही वहाँ पर पार्किंग स्थलों को विकसित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इसके लिए जल्द ही धनराशि भी जारी कर दी जाएगी। सीएस ने यात्रा मार्ग पर वाहनों की कैरिंग कैपिसिटी व पार्किंग स्थलों का सही आंकलन जल्द बनाने एवं ट्रिप कार्ड व्यवस्था का भी कड़ाई से पालन के निर्देश दिए। उन्होंने भविष्य में चारधाम यात्रा के सफल संचालन हेतु नेशनल टूर ऑपरेटर्स का भी सहयोग लेने के निर्देश दिए। इसके साथ ही सीएस ने देश के अन्य राज्यों के ऐसे जिले जहाँ से सबसे अधिक यात्री चारधाम पर आते हैं, उनके जिलाधिकारियों एवं जिला प्रशासन से भी समन्वय एवं संवाद के निर्देश दिए।