डी.डी. कालेज में “उत्तराखण्ड में शहरी विस्तार : आपदा और तनाव”विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन
डी.डी. कालेज में आई. सी. एस. एस. आर.की ओर से “उत्तराखण्ड में शहरी विस्तार : आपदा और तनाव”विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इसका शुभारम्भ मुख्य अतिथि योगेश भट्ट, (सुचना अधिकारी उत्तराखण्ड),कॉलेज चेयरमैन जितेन्द्र यादव, निदेशक डा. वी. के. त्यागी के द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर एवं छात्राओं के द्वारा सरस्वती वंदना की प्रस्तुती देकर किया गया। साथ ही सेमिनार संयोजक हंसा दास द्वारा अतिथियों को सम्मानित करते हुए स्मारिका का विमोचन किया गया। मुख्य अतिथि योगेश भट्ट ने उत्तराखण्ड में नगरीय विस्तार के संदर्भ में विचार व्यक्त करते हुए कहा कि उत्तराखण्ड मे तेजी से बढ़ता शहरी विकास चित्ता का विषय है क्योंकि पिछले दशक में राज्य में कई आपदाये देखी गई है। इसके न्यूनीकरण के साधन के रूप में शहरी नियोजन की आवश्यकता है। इस अवसर पर सेमिनार निदेशक डा. वी.के त्यागी ने संगोष्ठी के विषय को समझाते हुए कहा कि उत्तराखण्ड में शहरी बस्तियों के भौतिक विकास को नियोजित
करने के लिए बुनियादी ढांचे, नीतियों के निर्माण और कार्यन्वयन पर शहरीकरण
के कारण होने वाले तनाव पर प्रकाश डाला। जितेन्द्र यादव कॉलेज चैयरमैन ने अपने भाषण प्रस्तुत किये। डॉ.बी.एस. दहिया दिल्ली वि.वि.उत्तराखंड ने कहा की शहरी विस्तार समस्या से निपटने के उपायों पर चर्चा की। उन्होंने भूवैज्ञानिक भौगोलिक ज्ञान की कमी को इस समस्या का मुख्य कारण बताया। प्रो.कौशल कुमार शर्मा(जवाहरलाल नेहरू वि. वि.) ने अपने सम्बोधन में कहा कि अधिकांश घनी आबादी वाले शहर सक्रिय रूप में स्थित है इसलिए ढलान विफलता और भूस्खलन के प्रति संवेदनशील है।
इस बाद पैनल सत्त दोपहर 12 बजे प्रारम्भ हुआ इस सत्र का संचालन डा. वीः के त्यागी द्वारा किया गया। डॉ.वी. के. त्यागी, प्रो. कौशल कुमार शर्मा, डा. वी. ए. वी. रमन व प्रो. तेजवीर सिंह राणा ने सत्त के पैनलिस्ट के रूप में कार्य किया। इस सत्र में विशेषज्ञों ने उत्तराखण्ड में शहरीकरण के तेजी से बदलते स्वरूप और इसके कारण होने वाले तनाव पर एक चर्चा की। उन्होंने बताया शहरी विकास के बेहतर प्रबंधन,योजना एजेसियो के लिए वैज्ञानिक दृष्टि से निवारण करने की भी आवश्यकता है।
प्रथम तकनीकी सत्र दोपहर 2:30 बजे से शुरु हुआ इसमें डॉ.वी. ए. वी. रमन और डॉ. अमिता बजाज के सह संचालन में शोधार्थियों द्वारा शोध पत्रों को पी.पी.टी. के माध्यम से प्रस्तुत किए गए।इन्होने अपने विषय को सबके समुख रखते हुए सभी के साथ विचार विमर्श किया गया।
अन्त में रंगारंग सास्कृतिक कार्यक्रम के साथ दो दिवसीय सेमिनार के पहले दिन का समापन किया गया। छात्र छात्राओं ने अनेक प्रकार के सांस्कृतिक नृत्य की प्रस्तुती दी।