मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज यमुनोत्री क्षेत्र का भ्रमण कर यात्रा व्यवस्थाओं का जायजा लिया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने तीर्थयात्रियों एवं स्थानीय लोगों से मुलाकात कर चारधाम यात्रा के बारे में फीड बैक लिया। मुख्यमंत्री को अपने बीच पाकर देश के विभिन्न हिस्सों से आये तीर्थयात्री अत्यंत प्रसन्न हुए और उन्होंने चारधाम यात्रा को सुगम व सुरक्षित बनाने के लिए शासन-प्रशासन के प्रयासों को सराहा। इस दौरान मुख्यमंत्री ने यमुनोत्री व गंगोत्री धाम की यात्रा संचालन को लेकर किए गए प्रबंधो पर संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि यात्रा के शुरूआती दिनों में ही धामों में रिकॉर्ड भीड़ हो जाने के कारण यात्रियों की सुरक्षा, सुविधा व अन्य व्यवस्थाओं को कायम रखने के लिए यात्रा के नियंत्रित व व्यवस्थित संचालन पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। जिसे देखते हुए बिना पंजीकरण के यात्रा की अनुमति नहीं दिए जाने का निर्णय लिया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार सभी श्रद्धालुओं के स्वागत-सत्कार के लिए सदैव तत्पर है, लेकिन धामों की मर्यादाओं और भौगोलिक विशिष्टताओं के कारण तात्कालिक तौर पर यात्रा को नियमित करना जरूरी हो गया है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि बिना पंजीकरण व पंजीकृत शेड्यूल से इतर यात्रा करने की कतई अनुमति न दी जाय, लेकिन जो लोग यात्रा रूट पर काफी आगे बढ चुके हैं उन्हें धामों का दर्शन करने की सुविधा देने का रास्ता तलाशा जाय। अपने भ्रमण के दौरान मुख्यमंत्री ने यमुनोत्री धाम सहित खरसाली व जानकीचट्टी क्षेत्र का हवाई निरीक्षण भी किया।
अपने भ्रमण के दौरान मुख्यमंत्री ने यमुनोत्री मार्ग पर बड़कोट के निकट दोबाटा में यात्री पंजीकरण एवं जॉंच केन्द्र तथा होल्डिंग प्वाईंट पर जाकर व्यवस्थाओं की जानकारी ली। यहां पर मुख्यमंत्री तीर्थयात्रियों के जत्थों से मिले और यात्रा के बारे में वार्ता की। मुख्यमंत्री ने यात्रियों को पंजीकरण तथा वाहनों की नियंत्रित आवाजाही की व्यवस्था के बारे में बताया। मुख्यमंत्री को अपने बीच पाकर हर्षित और प्रफुल्लित श्रद्धालुओं ने जय-जयकार के नारे लगाए और बिना पंजीकरण के क्षेत्र में चले आये यात्रियों को आगे की यात्रा की अनुमति देने का आग्रह किया। मुख्यमंत्री ने इस मामले में आयुक्त गढ़वाल मंडल विनय शंकर पाण्डेय से कोई रास्ता निकालने की अपेक्षा करते हुए कहा कि बीच रास्ते से श्रद्धालुओं को वापस भेजा जाना ठीक नहीं होगा। लेकिन यह सुनिश्चित किया जाय कि ़ऋषिकेश या हरिद्वार से बिना पंजीकरण के किसी को भी यात्रा में न आने दिया जाय। मुख्यमंत्री से वार्ता के दौरान सभी यात्रियों ने यात्रा व्यवस्थाओं पर संतोष व्यक्त करते हुए यात्रियों की सुविधा व व्यवस्था बनाए रखने के लिए उठाए गए कदमों की सराहना की।
मुख्यमंत्री ने यमुनोत्री मार्ग पर खरादी होते हुए पालीगाड तक सड़क मार्ग से निरीक्षण किया। पालीगाड में मुख्यमंत्री ने यात्रियों से भेंट कर यात्रा के बारे में उनके अनुभवों का सुना। मुख्यमंत्री ने यहां पर हेल्डिंग प्वाईंट में कुछ समय के लिए रोके गए यात्री वाहनों के अंदर जाकर भी यात्रियों से मुलाकात की। देश के विभिन्न राज्यों से आये तीर्थयात्रियों ने मुख्यमंत्री से भेंट कर यात्रा व्यवस्थाओं को उपयुक्त बताया और अपनी प्रसन्नता को अभिव्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री के साथ सेल्फी भी ली। मुख्यमंत्री ने सभी श्रद्धालुओं का देवभूमि आगमन पर स्वागत करते हुए उन्हें यात्रा के लिए शुभकामनाएं दी। मुख्यमंत्री ने पालीगाड में ढाबा संचालकों एवं स्थानीय लोगों से मुलाकात करते हुए यात्रा व्यवस्था में सहयोग करने व यात्रियों को वाजिब दाम में बेहतर सेवाएं प्रदान करने का आग्रह किया।मुख्यमंत्री ने बड़कोट में यात्रा व्यवस्था के बावत अधिकारियों की बैठक लेते हुए कहा कि चारधाम यात्रा हमारे गौरव का प्रतीक होने के साथ ही आर्थिकी का भी प्रमुख स्रोत है। लिहाजा यात्रा सुविधाओं और सड़कों सहित अन्य अवस्थापनाओं के विकास व विस्तार की योजनाओं पर तेजी से काम किया जाना जरूरी है। उन्होंने कहा कि यात्रियों की सुरक्षा व सुविधा तथा सुव्यवस्था को सर्वोपरि रख यात्रा का समुचित प्रबंधन किया जाय। मुख्यमंत्री ने कहा कि यात्रा व्यवस्था को लेकर शुरूआती समय हमेशा से काफी चुनौतीपूर्ण रहा है, लिहाजा इस काम में तैनात सभी कार्मिक प्रतिबद्धता के साथ यात्रा को सुगम, सुरक्षित व सुव्यवस्थित बनाए रखने में लिए जुटे रहें।
इस अवसर पर आयुक्त गढ़वाल मंडल विनय शंकर पाण्डेय, जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट और पुलिस अधीक्षक अर्पण यदुवंशी ने यात्रा व्यवस्था व प्रबंधन तथा वाहनों की आवाजाही के विनियमन को लेकर की गई व्यवस्थाओं की जानकारी दी। बैठक में बताया गया कि यात्रा मार्ग पर वाहनों के दबाव को देखते हुए वाहनों के ठहराव स्थलों एवं ठहराव समय की निरंतर समीक्षा कर इसमें यात्रियों की सुविधा का ध्यान रख व्यावहारिक बदलाव किए जा रहे हैं। यातायात में शुरूआत दिनों में आई समस्या को अब दूर कर लिया गया है और यमुनोत्री व गंगोत्री धाम की यात्रा सुचारू व सुव्यस्थित रूप से संचालित हो रही है।