उत्तराखंड

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज केदारघाटी में अतिवृष्टि से हुए प्रभावित आपदा क्षेत्रों का सर्वेक्षण किया

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज केदारघाटी में अतिवृष्टि से हुए प्रभावित आपदा क्षेत्रों का सर्वेक्षण किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने आपदा व रेस्क्यू की जानकारी देते हुए लिंचोली आपातकालीन हेलीपैड पर रेस्क्यू के लिए इंतजार कर रहे श्रद्धालुओं से मुलाकात कर उनकी कुशलक्षेम पूछी। मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी को जल्द से जल्द सभी श्रद्धालुओं को सुरक्षित रेस्क्यू करने, फूड पैकेट्स एवं पानी वितरण करने सहित फर्स्ट एड व चिकित्सा सुविधाओं का पूरा ध्यान रखने के निर्देश दिए। उन्होंने अत्यधिक बारिश से क्षतिग्रस्त केदारघाटी के स्थानों का हवाई सर्वेक्षण भी किया। मुख्यमंत्री ने बताया कि क्षतिग्रस्त पैदल मार्गों के सुधारीकरण का कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अतिवृष्टि के कारण जो भी लोग संवेदनशील स्थानों में फंसे हुए हैं उन्हें निकालने का कार्य लगातार गतिमान है। अभी तक काफी संख्या में लोगों को सुरक्षित स्थानों में पहुंचा दिया गया है तथा सभी पूर्ण रूप से सुरक्षित हैं। उन्होंने कहा कि अतिवृष्टि से बहे पुल व क्षतिग्रस्त मार्गों को बनाने की कार्यवाही भी गतिमान है। मौसम के सामान्य होते ही यात्रा निर्बाध रूप से संचालित कर दी जाएगी।

रुद्रप्रयाग जिले में केदारनाथ यात्रा मार्ग में फंसे यात्रियों को एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, डीडीआरएफ, जिला पुलिस और प्रशासन के बेहतर समन्वय से सुरक्षित निकाल लिया गया है।
केदारनाथ यात्रा मार्ग पर भीमबली, रामबाड़ा और लिंचोली में फंसे करीब 425 यात्रियों को एयरलिफ्ट किया गया है। इसके अलावा पैदल यात्रा मार्ग में सोनप्रयाग और भीमबली के बीच फंसे 1100 यात्रियों को वैकल्पिक मार्ग बनाकर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया है।
राज्य के विभिन्न हिस्सों में बुधवार रात को अतिवृष्टि से सड़कों, पैदल पुलों, बिजली और पेयजल लाइनों के साथ ही कृषि भूमि को भारी नुकसान पहुंचा है।
आपदा की सूचना मिलते ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी रात से ही सक्रिय हो गए। मुख्यमंत्री ने रात्रि में ही राज्य आपदा परिचालन केंद्र पहुंचकर राज्य भर में अतिवृष्टि से हुए नुकसान की जानकारी ली। उन्होंने अधिकारियों को अलर्ट मोड में रहने के निर्देश दिए।
आज मुख्यमंत्री का पूरा दिन आपदा प्रभावित इलाकों में बीता। उन्होंने टिहरी और रुद्रप्रयाग जिले के आपदाग्रस्त इलाकों का हवाई सर्वेक्षण करने के साथ ही आपदा प्रभावितों का हाल भी जाना। साथ ही राहत व बचाव शिविरों में की गई व्यवस्थाओं को परखा।
मुख्यमंत्री धामी मोर्चे पर डटे तो उनकी पूरी टीम भी पूरी ताकत के साथ बचाव और राहत कार्यों में जुट गई। रुद्रप्रयाग जिले में जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक ने देर रात से ही रेस्क्यू अभियान की कमान संभाल ली।
एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, डीडीआरएफ, जिला पुलिस व प्रशासन के बेहतर समन्वय से शाम पांच बजे तक केदारनाथ धाम यात्रा पैदल मार्ग और विभिन्न पड़ावों में फंसे करीब डेढ़ हजार यात्रियों को सुरक्षित निकाल लिया गया।
केदारनाथ पैदल यात्रा मार्ग पर कई जगह भूस्खलन होने से यात्रियों की सुरक्षा को देखते हुए केदारनाथ यात्रा फिलहाल रोक दी गई है।

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