मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ‘जनजातीय विज्ञान महोत्सव’ आयोजित कराए जाने की घोषणा की
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज ओ.एन.जी.सी स्टेडियम, देहरादून में राज्य जनजातीय शोध संस्थान द्वारा आयोजित ‘आदि गौरव महोत्सव’ कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने विज्ञान के क्षेत्र में जनजातीय प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करने के लिये प्रतिवर्ष ‘जनजातीय विज्ञान महोत्सव’ आयोजित कराए जाने की घोषणा की। जिसके लिये उत्तराखण्ड जनजातीय शोध संस्थान को आवश्यकता अनुसार धनराशि उपलब्ध कराई जाएगी। मुख्यमंत्री ने आदि गौरव महोत्सव में विभिन्न राज्यों से आए जनजातीय समाज के लोगों से मुलाकात कर उनकी संस्कृति को जाना। कार्यक्रम में देश भर से प्रतिभाग कर रहे विभिन्न जनजातियों के कलाकारों ने लोक नृत्यों की प्रस्तुति की। साथ ही मुख्यमंत्री ने जनजातीय समाज द्वारा लगाए गए विभिन्न स्टालों का अवलोकन किया एवं जनजातीय समाज के लोक नृत्य में भी सम्मलित हुए। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने बिरसा मुंडा जी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। उन्होंने आदि गौरव महोत्सव के आयोजन हेतु राज्य जनजाति शोध संस्थान का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम जनजातीय कलाकारों को अपनी प्रतिभा प्रदर्शित करने का अवसर एंव गैर जनजातीय समुदाय को भी जनजातीय समाज की कला एवं संस्कृति से अवगत कराने का कार्य करेगा।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एकलव्य मॉडल स्कूल के बजट को 21 गुना तक बढ़ाने का ऐतिहासिक कार्य किया है। प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान के तहत उत्तराखण्ड के 128 जनजातीय गांवों का चयन किया गया है। इन चयनित गांवों में बुनियादी सुविधाओं का विकास, आर्थिक सशक्तिकरण, बेहतर शिक्षा व्यवस्था और स्वस्थ जीवन को बढ़ावा दिया जाएगा। राज्य सरकार भी प्रदेश के आदिवासी एवं जनजातीय समुदाय को अनेकों सुविधाएं देकर उनके जीवन स्तर को बेहतर बनाने की दिशा में कार्य कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड में 4 एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय संचालित हो रहे हैं। जिसमें जनजातीय समुदाय के छात्रों को निशुल्क शिक्षा एवं हॉस्टल की सुविधा मिलती है। जनजातीय समाज के बच्चों को प्राइमरी स्तर से स्नातकोत्तर स्तर तक छात्रवृत्ति प्रदान की जा रही है। अनुसूचित जनजाति की पुत्रियों की शादी हेतु ₹50 हजार का अनुदान प्रदान किया जा रहा है। जनजाति क्षेत्रों में अवस्थापना सुविधाओं का विकास तेजी से किया जा रहा है। जनजातीय संस्कृति के संरक्षण एवं संवर्द्धन हेतु प्रतिवर्ष राज्य जनजातीय महोत्सव तथा खेल महोत्सव आयोजित किये जा रहे हैं। जनजातीय शोध संस्थान के लिये ₹1 करोड़ के कार्पस फण्ड की भी व्यवस्था की गई है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में जनजातीय समाज का विकास सुनिश्चित किया गया है। वर्ष 2021 में प्रधानमंत्री जी ने प्रत्येक वर्ष 15 नवंबर को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की थी। जिसे हमारी सरकार भी हर वर्ष प्रदेश में अत्यंत धूमधाम और हर्षोल्लास के साथ मना रही है। राज्य सरकार, उत्तराखण्ड में आदिवासी समाज के विकास के लिए सदैव संकल्पित होकर कार्य करती रहेगी।