देहरादून में आयोचिंतन शिविर के पहले दिन में दिव्यांग सशक्तिकरण के लिए एक विशेष सत्र आयोजित
देहरादून में आयोजित आयोचिंतन शिविर के पहले दिन में दिव्यांग सशक्तिकरण के लिए एक विशेष सत्र आयोजित किया गया, जिसमें विभाग से जुड़ी तमाम बातें हुईं। पूरे कार्यक्रम के दौरान एनआईवीएच के उन एक्सपर्ट की तरफ भी प्रतिभागियों का ध्यान गया, जिन्होंने मंच पर कही जाने वाली एक-एक बात को साइन लैंग्वेज में साझा किया।
सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग के सचिव अमित यादव ने राज्यों से कहा कि अनुसूचित जाति व अन्य पिछड़ा वर्ग के बच्चों की छात्रवृत्ति से जुडे़ प्रस्ताव भेजने में देरी न करें। उन्होंने कहा कि बच्चों की पढ़ाई के शुरूआती समय में ही छात्रवृत्ति मिल जाए, तो बेहतर रहेगा। उन्होंने कहा कि सरकार के पास फंड की कमी नहीं है।
इस दौरान दिव्यांग सशक्तिकरण विभाग के सचिव राजेश अग्रवाल ने दिव्यांगों के कल्याण के लिए गोवा और उड़ीसा में किए गए प्रयासों का खास तौर पर जिक्र किया। उन्होंने कहा कि गोवा में समाज के कई वर्गों को साथ लेकर अच्छा काम किया गया। वहीं, उड़ीसा में आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों और आशा वर्करों का बेहतर उपयोग करते हुए कार्य किया गया है।
केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार ने नशामुक्ति अभियान के बारे में बात करते हुए उत्तराखण्ड की चर्चा की। उन्होंने कहा कि वह जगह और नौजवान का नाम नहीं बताएंगे, लेकिन उत्तराखण्ड में नशे की चपेट में आए इस नौजवान को जब ट्रीटमेंट दिया गया, तो उसकी स्थिति सुधर गई। इस नौजवान ने नशामुक्ति अभियान के साथ अपने को जोड़कर बुराई के खात्मे का संकल्प लिया है।
चिंतन शिविर में आयोजित विभिन्न सत्रों मेें चर्चा से क्या महत्वपूर्ण बातें उभरकर सामने आई हैं, इस पर आठ अप्रैल को बात होगी। केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार समापन समारोह पर इस पर विस्तार से बात करेंगे।