चारधाम यात्रा को लेकर मॉक ड्रिल की तैयारियां जोरों पर, 24 अप्रैल को मॉक ड्रिल आयोजित
उत्तराखण्ड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण स्थित राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र में चारधाम यात्रा को लेकर मॉक ड्रिल की तैयारियां जोरों पर हैं। एनडीएमए व यूएसडीएमए द्वारा आयोजित टेबल टॉप एक्सरसाइज में आज आपदा के दौरान संसाधनों के सर्वोत्तम उपयोग की रणनीतियों पर मंथन किया गया।
इस दौरान राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के मेंबर सेक्रेटरी लेफ्टिनेंट जनरल सैयद अता हसनैन ने कहा कि चारधाम यात्रा केवल उत्तराखण्ड ही नहीं, पूरे देश के लिए महत्वपूर्ण है। लाखों श्रद्धालु हर साल आते हैं और हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है कि वे सभी सुरक्षित यात्रा करके अपने घर लौटें। इसी उद्देश्य से 24 अप्रैल को मॉक ड्रिल आयोजित की जा रही है।
फरवरी में यूएसडीएमए द्वारा आयोजित फारेस्ट फायर मॉक ड्रिल को सभी राज्यों में सराहा गया। लेफ्टिनेंट जनरल हसनैन ने सचिव आपदा प्रबंधन विनोद कुमार सुमन को इसके लिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि आपदा से मिली सीख यदि अमल में लाई जाए तो बड़ी से बड़ी आपदा का भी प्रभावी रूप से सामना किया जा सकता है।
बैठक में सचिव आपदा प्रबंधन श्री विनोद कुमार सुमन ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी स्वयं चारधाम यात्रा की तैयारियों की मॉनीटरिंग कर रहे हैं। सभी विभाग उनके दिशा-निर्देशन में आपसी समन्वय से कार्य कर रहे हैं ताकि यात्रा सुरक्षित और सुगम हो। चारधाम यात्रा के दौरान किसी भी आपदा से निपटने के लिए यूएसडीएमए पूर्ण रूप से तैयार है। सभी विभागों के साथ समन्वय स्थापित कर लिया गया है और यात्रा शुरू होते ही संबंधित विभागों के नोडल अधिकारियों की तैनाती भी कर दी जाएगी। एसईओसी से निरंतर मॉनीटरिंग की जाएगी।
इससे पूर्व उत्तराखण्ड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी, क्रियान्वयन डीआईजी श्री राजकुमार नेगी ने प्रस्तुतीकरण के जरिये चारधाम यात्रा को लेकर आपदा प्रबंधन विभाग की तैयारियों पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि आपदा प्रबंधन विभाग ने जीआईएस मैपिंग, संवेदनशील स्थानों की पहचान और जोखिम कम करने की दिशा में ठोस कदम उठाए जा रहे हैं।
बैठक में उत्तराखण्ड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रशासन श्री आनंद स्वरूप ने धन्यवाद ज्ञापित किया। उन्होंने 24 अप्रैल को आयोजित होने वाली मॉक ड्रिल में सभी विभागों तथा आईआरएस प्रणाली के तहत सभी अधिकारियों को शत-प्रतिशत प्रतिभाग करने के लिए निर्देश दिए।