उत्तराखण्ड के चार गांवों जखोल, सूपी, हर्षिल व गूंजी को सर्वश्रेष्ठ पर्यटन ग्राम पुरस्कार
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज विश्व पर्यटन दिवस के अवसर पर उत्तराखण्ड के चार गांवों जखोल, सूपी, हर्षिल व गूंजी को सर्वश्रेष्ठ पर्यटन ग्राम पुरस्कार मिलने पर समस्त प्रदेशवासियों को बधाई दी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सर्वश्रेष्ठ पर्यटन ग्राम पुरस्कार मिलना उत्तराखण्ड के लिए बड़े गौरव की बात है। राज्य सरकार, प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। राज्य सरकार की होम स्टे योजना इस लिहाज से बहुत महत्वपूर्ण साबित हो रही है।
उन्होंने कहा कि हमारी सरकार नए टूरिस्ट डेस्टिनेशन विकसित करने के साथ ही राज्य में साहसिक पर्यटन की गतिविधियों को भी बढ़ावा दे रही है। इससे राज्य में रोजगार सृजन में भी मदद मिल रही है। जनता के सहयोग से राज्य में हर क्षेत्र में सकारात्मक परिणाम आ रहे हैं।
नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में पर्यटन मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा आज विश्व पर्यटन दिवस समारोह के आयोजन में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने बतौर मुख्य अतिथि प्रतिभाग किया। इस दौरान पुरस्कार वितरण समारोह में उत्तराखण्ड के चयनित ग्रामों के प्रधानों द्वारा सर्वश्रेष्ठ पर्यटन ग्राम पुरस्कार प्राप्त किया गया।
समारोह में इस वर्ष सर्वश्रेष्ठ पर्यटन ग्राम प्रतियोगिता में उत्तराखण्ड के उत्तरकाशी जिले के जखोल गांव को साहसिक पर्यटन के लिए चुना गया, जो अपनी ऊंचाई, खूबसूरत प्राकृतिक दृश्यों और चुनौतीपूर्ण ट्रेकिंग रूट्स के लिए जाना जाता है। उत्तरकाशी जिले के ही हर्षिल गांव और पिथौरागढ़ जिले के गुंजी गांव को वाइब्रेंट विलेज के रूप में सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर बागेश्वर जिले के सूपी गांव को कृषि पर्यटन के लिए पुरस्कृत किया गया। सूपी गांव अपनी पारम्परिक कृषि पद्धतियों और समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर के लिए जाना जाता है। कृषि पर्यटन को बढ़ावा देने के तहत यहां पर्यटकों को ग्रामीण जीवन और खेती से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी सशक्त किया जा सके।
पर्यटन मंत्रालय भारत सरकार द्वारा प्रतिवर्ष राष्ट्रीय स्तर पर सर्वश्रेष्ठ पर्यटन ग्राम प्रतियोगिता आयोजित की जाती है। संस्कृति एवं प्राकृतिक संपदा के संरक्षण, समुदाय आधारित मूल्य व जीवन शैली को बढ़ावा देने तथा आर्थिक, सामाजिक और पर्यावरण स्थिरता के प्रति प्रतिबद्धता को इसमें रखा जाता है। इन्हीं विषयों पर प्रविष्टियां राज्यों से आमंत्रित की जाती हैं। इस वर्ष प्रविष्टियों के आधार पर उत्तराखण्ड के चार ग्रामों को चयनित किया गया है।