उत्तराखंड

सीमांत जिले उत्तरकाशी के गोरशाली गांव में सेल्कू मेले का समापन, राज्य सभा सांसद एवं भाजपा के राष्ट्रीय सह कोषाध्यक्ष नरेश बंसल ने नाग देवता के मंदिर के पुनरोत्थान के लिए 10 लाख रूपए देने की घोषणा की

सीमांत जिले उत्तरकाशी के गोरशाली गांव में आज सेल्कू मेले का समापन हो गया। दो दिनों से रूक रूक कर हो रही बारिश के बीच ही सेल्कू मेला अपने परंपरागत तरीके से पूरे उत्साह के साथ आयोजित हुआ। इस दौरान ग्रामीणों का उत्साह देखते ही नजर आया। सेल्कू मेले के समापन अवसर पर राज्य सभा सांसद एवं भाजपा के राष्ट्रीय सह कोषाध्यक्ष नरेश बंसल बतौर मुख्य अतिथि गोरशाली गांव पहुंचे। नरेश बंसल ने श्रीनाग देवता के मंदिर के पुनरोत्थान और विकास कार्यों के लिए 10 लाख रूपए देने की घोषणा की है। कार्यक्रम में गंगोत्री विधायक सुरेश चौहान और ब्लॉक प्रमुख विनिता रावत भी मौजूद र​हे। विधायक सुरेश चौहान ने 5 लाख रूपए और ब्लॉक प्रमुख विनिता रावत ने भी 5 लाख रूपए देने की घोषणा की है। कार्यक्रम की अध्यक्षता चार धाम विकास परिषद के पूर्व उपाध्यक्ष सूरतराम नौटियाल ने की। श्रीवासुकी नाग देवता पुनरोत्थान एवं पर्यटन ​समिति ने सेल्कू मेले में इस बार विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया। जिसमें ग्राम प्रधान एवं क्षेत्र पंचायत सदस्य का भी विशेष योगदान रहा। गोरशाली गांव में हर साल की तरह इस बार 17 एवं 18 सितंबर को सेल्कू मेले का आयोजन किया गया। इस बार इंद्रदेव पूरे मेले के दौरान ग्रामीणों पर मेहरबान नजर आए। 17 सितंबर मंगलवार को सेल्कू के रात्रि आयोजन के दौरान जमकर बारिश होती रही। ग्रामीणों ने बारिश में ही रात भर रासो नृत्य के साथ सेल्कू को उत्साह के साथ मनाया। 18 सितंबर बुधवार सुबह सभी देवडोलियां स्यालगी सौड़ भ्रमण के निकली। जहां बारिश के बीच ही हूण देवता मंदिर में पूजा अर्चना के बाद डोली नृत्य और रासौ नृत्य का आयोजन हुआ। इसके बाद हूण देवता ने ग्रामीणों को अपना आशीर्वाद दिया। इसके बाद नागदेवता मंदिर प्रांगण में सभी देव डोलियों की पूजा अर्चना की गई। इसके बाद राज्य सभा सांसद एवं स्थानीय विधायक समेत कई मेहमान गोरशाली गांव में मेले में शिरकत करने पहुंचे। जहां सभी ने रासौ नृत्य में भी प्रतिभाग किया। इसके बाद ग्रामीणों ने मेले में पूरे उत्साह केे साथ प्रतिभाग किया। मेले का समापन सोमेश्वर देवता के पशुवा द्वारा डांगरा नृत्य और सब को आशीर्वाद देकर हुआ। सेल्कू मेले में गोरसाली (मुख्य गांव), जखोल, लह्हू, सैंज, लाटा, कुमाल्टी, गैरी, जोंकाणी की देव डोलियां और ग्रामीण शामिल हुए।

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