रक्षाबंधन के उपलक्ष्य में ’मुख्यमंत्री सशक्त बहना उत्सव योजना’ में शामिल हुए सीएम धामी
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रक्षाबंधन के उपलक्ष्य में आज मुख्यमंत्री आवास में ’मुख्यमंत्री सशक्त बहना उत्सव योजना’ एवं मुख्यमंत्री महिला स्वयं सहायता समूह सशक्तिकरण योजना के अंतर्गत राज्य स्तरीय कार्यक्रम में प्रतिभाग किया।इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने चार जनपदों से आए प्रतिभागियों में से 10 सहायता समूह को रिवॉल्विंग फण्ड के रूप में 25-25 हजार रु., 10 समूह को सीआईएफ के रूप में 75-75 हजार रु. एवं सीसीएल के रूप में ₹1.50 लाख की धनराशि के चेक प्रदान कर उन्हें सम्मानित किया। इस अवसर पर प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों से आई महिलाओं ने मुख्यमंत्री को रक्षा सूत्र बांधा तथा उनकी दीर्घायु की कामना की। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने सभी को रक्षाबंधन की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह पर्व हमें हमारे सामाजिक कर्तव्यों का भी बोध कराता है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार मातृशक्ति के उत्थान एवं कल्याण के लिए संकल्पित है।मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा प्रयास है कि प्रदेश के विकास में हर कदम पर महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करें। राज्य सरकार द्वारा महिलाओं को सरकारी नौकरियों में 30 प्रतिशत का आरक्षण प्रदान किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने लक्ष्य लिया है कि वर्ष 2025 तक अपनी डेढ़ लाख बहनों को लखपति दीदी बनाएंगे। यह लक्ष्य जब हमने लिया था, तब लगता था यह बड़ा लक्ष्य है पर आप लोगों ने अपनी मेहनत और लगन से लक्ष्य को बहुत पीछे छोड़ दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि विगत वर्ष 30 नवंबर से उन्होंने सभी जिलों में बहनों के बीच जाकर ’मातृशक्ति वंदन’ के कार्यक्रम किए। इन कार्यक्रमों में बड़ी संख्या में महिलाएं पहुंची और एक से बढ़कर एक उत्पाद हमारी बहनों द्वारा बनाए गए। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने श्री केदारनाथ में कहा था कि 21वीं सदी का तीसरा दशक उत्तराखण्ड का होगा, उसे पूरा करने में हमारी बहनें महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। आज हमारी बहनें अपने सपनों को साकार कर रही हैं। वे अन्य बहनों को भी रोजगार प्रदान कर उन्हें भी सशक्त बना रही हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड में महिलाओं का सशक्तिकरण सुनिश्चित करने के लिए हमारी सरकार निरंतर प्रयासरत है। 2022 में ’मुख्यमंत्री स्वयं सहायता समूह योजना’ के अंतर्गत ₹84 करोड़ से अधिक का सहयोग किया गया। ब्याज प्रतिपूर्ति के रूप में करीब ₹25 करोड़ की छूट प्रदान की गई। 67 हजार से अधिक स्वयं सहायता समूह में 5 लाख से अधिक महिलाओं को जोड़ा गया। 53 हजार रु. से अधिक समूह को रिवॉल्विंग फण्ड, 37 हजार रु. से अधिक समूह को सामूहिक निवेश नीति भी दी गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि महिला समूह द्वारा उत्पादों को बनाने के बाद उनकी पैकेजिंग और मार्केटिंग के लिए 24 ग्रोथ सेंटर की स्थापना की गई है। 13 जनपदों में नैनो पैकेजिंग यूनिट व 17 सरस सेंटर संचालित किए जा रहे हैं। इसके अलावा विभिन्न स्थानों पर उत्तरा आउटलेट भी स्थापित किए गए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले साल जब प्रधानमंत्री देहरादून में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में प्रतिभाग करने आए तो उन्होंने राज्य के ’हाउस ऑफ हिमालयाज ब्रांड’ का शुभारंभ कराया। आज इस ब्रांड के उत्पादों की तेजी से मांग हो रही है। जल्द ही यहां एक सीईओ की नियुक्ति की जा रही है। उन्होंने कहा कि उत्पादों की पैकेजिंग और मार्केटिंग पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर महिला सशक्तिकरण के उद्देश्य से जनपदों में होने वाले विभिन्न कार्यक्रमों, कार्यशालाओं हेतु मुख्यमंत्री महिला स्वयं सहायता सशक्तिकरण योजना अंतर्गत ₹2.30 करोड़ की धनराशि, क्लस्टर स्तरीय संगठन के अंतर्गत महिलाओं की व्यावसायिक गतिविधियों के संचालन के लिए 15 करोड़ 40 हजार रु. की स्वीकृति प्रदान करने की घोषणा की। इसके अलावा लखपति दीदी बनाए जाने के उद्देश्य से जो रूरल बिजनेस इनक्यूबेटर हैं आरबीआई के माध्यम से मार्केटिंग प्रोडक्ट, डेवलपमेंट एंड क्वालिटी कंट्रोल सेंटर हेतु अल्मोड़ा के हवालबाग व जनपद पौड़ी के कोटद्वार में स्थापित प्रत्येक सेंटर के लिए ₹25 लाख की धनराशि की स्वीकृति प्रदान करने की घोषणा की। डिजिटल एमआईएस हेतु ई-बुक कीपरों हेतु प्रथम चरण में 140 मॉडल क्लस्टर के 500 ई-बुक कीपरों हेतु टैबलेट प्रदान करने के लिए ₹75 लाख की स्वीकृति प्रदान करने की घोषणा की। राष्ट्रीय स्तर के राज्य में आयोजित होने वाले 2 सरस मेलों के लिए मैचिंग ग्रांट में प्रति मेला ₹11.12 लाख की स्वीकृति प्रदान करने की घोषणा की।