उत्तराखण्ड को 2024-25 के बजट में विभिन्न रेल परियोजनाओं के लिए बजट में 5 हजार 131 करोड़ रुपए का आवंटन हुआ
केंद्रीय रेल मंत्री, सूचना एवं प्रसारण मंत्री व इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौ़द्यौगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने आज पत्र सूचना कार्यालय (पीआईबी देहरादून) में आयोजित वर्चुअल प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से उत्तराखण्ड के पत्रकारों को रेलवे बजट के संदर्भ में संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इस बार रेलवे को रिकॉर्ड 2 लाख 62 हजार रुपए का बजट में आवंटन किया गया है। केंद्रीय रेल मंत्री ने इस आवंटन के लिए केंद्रीय वित्त मंत्री का आभार जताया। उन्होंने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि रिकार्ड बजट आवंटन का लाभ उत्तराखण्ड को भी मिलेगा। उन्होंने बताया कि उत्तराखण्ड को 2024-25 के बजट में विभिन्न रेल परियोजनाओं के लिए बजट में 5 हजार 131 करोड़ रुपए का आवंटन हुआ है। इस बजट से उत्तराखण्ड में रेल नेटवर्क को सुदृढ़ किया जाएगा। अश्विनी वैष्णव ने चार धाम ऋषिकेश -कर्णप्रयाग रेल परियोजना की जानकारी देते हुए बताया कि इस परियोजना में 213 किमी की सुरंगें हैं, जिसमें अभी 171 किमी का कार्य पूरा हो चुका है और बाकी का कार्य तेज गति से चल रहा है। उन्होंने बताया कि ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना में सुरंगें बनाने के लिए जिन दो टीबीएम यानी टनल बोरिंग मशीन का इस्तेमाल किया जा रहा है उनका नाम ‘शिव’ और ‘शक्ति’ रखा गया है। अश्विनी वैष्णव ने कहा कि हिमालय के पहाड़ क्योंकि अभी युवा हैं, इसलिए इसमें अधिकत्म मिट्टी पाई जाती है, जो सुरंग बनाने में मुश्किल पैदा करती है। इसलिए सुरंग बनाने के लिए हिमालयन टनलिंग मेथ्ड यानी एचटीएम को इजाद किया गया है, जिससे हिमालय के युवा वलित पहाड़ों के भीतर सुरंग बनाई जा सकती है। एचटीएम के माध्यम से संतुलित टनल बनाई जाती है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में 2014 से 2024 तक 69 किमी के नए रेल ट्रैक बिछे हैं। साथ ही इसी अवधि में 303 किमी की रेल लाइनों को इलेक्ट्रीफाइड किया गया है। 2009-14 के बीच ये आंकड़ा 0 का था। आज प्रदेश की हर रेलवे लाइन बिजलीयुक्त है। इसके अलावा राज्य में 70 रेल ब्रिज और अंडर ब्रिज का निर्माण हो चुका है। अश्विनी वैष्णव ने बताया कि उत्तराखण्ड में 216 किमी की 03 रेल परियोजनाओं (रेलवे ट्रैक) का काम चल रहा है, जिसकी लागत ₹25,941 करोड़ है। इसके साथ ही देहरादून, हरिद्वार जंक्शन, हर्रावाला, काशीपुर जंक्शन, काठगोदाम, किच्छा, कोटद्वार, लाल कुआं जंक्शन, रामनगर, रुड़की और टनकपुर सहित 11 स्टेशनों को अमृत स्टेशनों के रूप में विकसित किया जाएगा।